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Sunday, 11 May 2014

मेरी माँ


कितनी भोली कितनी प्यारी है मेरी माँ,
मुझको हर पल मीठी डांट लगाती है मेरी माँ,
मुझको जीने का ढंग सिखाती है मेरी माँ,
मुझको चोट लगे तो ख़ुद दुःख पाती है मेरी माँ,

ऊपर जिसका अंत नहीं, उसे कहते हैं आसमां,
जहान में जिसका अंत नहीं, उसे कहते हैं माँ,
उनकी ममता कि छाओं में,
जाने कब खड़ी हुई मैं अपने पांव पे,

नींद अपनी भूला कर सुलाया जिसने,
आँसू अपने गिरा कर हंसाया जिसने,
इतना दुलार कहाँ से लाती हैं मेरी माँ,
कितनी भोली कितनी प्यारी है मेरी माँ

HAPPY MOTHER'S DAY MUMMY

Sunday, 27 January 2013

मैं...


मैं.. मैं एक बेटी हूँबहन हूँमाँ हूँ और सहेली भी..
खिलती हुई कली सी मैंसपने बुनती परी सी मैं,
विभिन्न रूपों में करते हो मेरी पूजासरस्वतीलक्ष्मी या दुर्गा,
अगर करते हो देवी का सम्मानफिर क्यूँ करते हो मेरा ही अपमान,
मैं एक बेटी हूँबहन हूँमाँ हूँ और सहेली भी..
मन से हूँ चंचलहृदय से कोमल,
कहते हो मैं हूँ अनमोलफिर क्यू नहीँ करते मेरा मोल,
मुझसे ही सब कुछ हैपर मैं ही कुछ नहीँ,
जीवन देना मेरा कर्तव्य हैतो क्या जीना मेरा अधिकार नहीँ,
मैं एक बेटी हूँबहन हूँमाँ हूँ और सहेली भी..
सितारों को छूने के ख्वाब है मेरेक्या ये रह जायेंगे यूँ ही अधूरे,
सोने के पंखों से उडने कि आशा हैपर सह्मी सी मेरे जीवन कि परिभाषा है,
हर पल करती हूँ मैं इंतज़ारमेरे ख्वाबों को कैसे करूँ साकार,
मैं एक बेटी हूँबहन हूँमाँ हूँ और सहेली भी..
करती है दुनिया दुराचारकहती है क्यूँ गयी तुम लक्ष्मण रेखा पार,
मैं एक बेटी हूँबहन हूँमाँ हूँ और सहेली भी..

 -By Mansi Ladha