Tuesday, 30 August 2016

'Close your eyes and imagine what you would do for the rest of your life if no one paid you to do it'
-Miss Malini

Monday, 29 August 2016

कल तुम भी वृध्द होंगे


शर्मा जी क्षेत्र के पार्षद थे। जन साधारण की सदैव मदद करने हेतु वे विख्यात थे। शहर के अनेक लोग उनके पास अपनी समस्या का समाधान लेने आते थे।

दिसम्बर का शीतल सोमवार, प्रातः 9 बजे। शर्माजी कार्यालय जाते समय अपने वृद्ध पिता को मन्दिर ले कर आए हुए थे। सीढिया चढ़ते हुए उनके समीप एक व्यक्ति जो लगभग 40 वर्ष का और उसके साथ लगभग 70 वर्षीय वृद्ध आये। शर्माजी ने दोनों को नमन करते हुए पूछा की वे उनकी क्या सेवा कर सकते हैं। मंदिर में आरती प्रारम्भ हो चुकी थी सो शर्माजी के पिता आरती में सम्मिलित होने की मंशा व्यक्त कर के आरती स्थल की ओर जाने लगे। शर्मा जी ने तुरंत अपने ड्राइवर को साथ भेजा। यह देख कर मदद को आये उस व्यक्ति के भाव परिवर्तित हो गए।

उन्होंने पुनः उस व्यक्ति से पूछा की वे उनकी क्या मदद कर सकते हैं। उसने बताया कि साथ में जो वृद्ध हैं वे उसे सड़क के उस पार अकेले खड़े मिले और आग्रह किया कि शर्माजी उनकी यदोचित सहायता करें। प्रतीत होता  है  इनका कोई नहीं है।

शर्माजी ने तुरंन्त एक वृद्धाश्रम में फ़ोन लगाया और उनसे आग्रह कर उस वृद्ध का वहाँ दाख़िला करवाया। साथ आये व्यक्ति ने आभार व्यक्त करते हुए शर्मा जी से कहा कि कार्यालय जाते हुए वह उस वृद्ध को आश्रम छोड़ देंगे। शर्मा जी यह जान कर प्रसन्न हुए की मानवता आज भी जीवित है।

आरती एवं दर्शन समाप्त होने पर शर्माजी अपने पिता को ससम्मान घर छोड़ कर अपने कार्यस्थल की ओर गए।

दो माह पश्चात शर्मा जी के पिता कुछ दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे | पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के उपरांत वे उनकी अस्पताल से छुट्टी करवा रहे थे| अचानक उन्हें एक कक्ष से वह् व्यक्ति आता हुआ दिखा जो कि उस वृद्ध को उनके पास लाया था | उसी के नज़दीक वृद्धाश्रम का अधिकारी शर्मा जी को पह्चान गया | उसने बताया,  "उन बुजुर्ग व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक नहीं है | डॉक्टर ने कहा है अब उनके जीवन के कुछ ही पल शेष है | हमने उनसे पूछा कि किसी नाते रिश्तेदार या मित्र से मिलने कि इच्छा हो तो बता दें | तब उन्होंने इस व्यक्ति का फ़ोन नम्बर दिया|"

शर्मा जी समझने लगे थे कि दाल में कुछ काला है | कुछ क्षण पश्चात वह् व्यक्ति पुनः उस कक्ष के भीतर गया | वापिस आया तो थोड़ा उदास दिखा | डॉक्टर से पूछने पर ज्ञात हुआ कि वे वृद्ध पुरुष अब नहीं रहे |

सांत्वना देने हेतु शर्मा जी उस व्यक्ति के पास गए | उसने वृद्धाश्रम के अधिकारी से पूछा कि क्या उन्हें उन वृद्ध ने कोई फाइल दी थी| उत्सुक्तवश शर्मा जी ने पूछा कि वह् उस वृद्ध के बारे में इतना कैसे जानता है अथवा उसका उनसे क्या नाता है| सिर झुका कर, हिचकिचाते हुए उसने बताया कि वह् उनका पुत्र है | पिता की चिकित्सा के लिए धन ना दे पाने, उनकी सेवा के भार से बचने और अपने पुत्र के पालन में व्यस्त होने के कारण उसे उन्हें वृद्धाश्रम भेजने का विचार आया। वृद्धाश्रम की फीस ना भरने की मंशा से उसने शर्मा जी की सहायता ली। और उन्होंने बिना कुछ जाने उसकी सहायता कर दी।

शर्मा जी अत्यन्त लज्जित हुए। फाइल खोल कर देखी तो पाया कि उस वृद्ध ने अपनी सारी संपत्ति अपने पुत्र के नाम कर दी है। शर्मा जी को यह जान कर दुःख हुआ के जिस पुत्र ने उन्हें जीवन के अंतिम समय में वृद्धाश्रम छोड़ दिया उस वृद्धाश्रम के लिए कुछ देने की जगह उन्होंने उसी पुत्र को सम्पत्ती दे दी। साथ ही उन्हें ग्लानि हुई जो ऐसे कुपुत्र पर उन्होंने अंधा विश्वास किया |

मन ही मन स्वयम्‌ को वचन दिया कि अब किसी कि सहायता करने से पूर्व वे पूर्ण जाँच करेंगे |

इतने में शर्मा जी के किसी संबंधी ने उन्हें आवाज़ दे कर सूचित किया कि उनके पिताजी को घर ले जाया जा सकता है | बिना विलम्भ के वे वहां से उठ खड़े हुए |

जाते हुए उन्होंने बस इतना कहा- "यह मत भूलना, कल तुम भी वृद्ध होंगे।"
ऊँगली पकड़ कर सिखाया चलना जिसने,
हाथ पकड़ कर उसी को छोड़ आए वर्द्धाश्रम,
नींद अपनी खो कर तुमको सुलाया जिसने,
सदा के लिए सो जाए वह ऐसा करते हो श्रम,
दिल से हम करे सम्मान बुज़ुर्गों का,
है किस्मत वालों को मिलता आशीर्वाद बुज़ुर्गों का।

(Disclaimer: This post does not intend to harm, defame, or hurt the sentiments of any person, gender, religion, political party, news channel, religious belief, god or to whomsoever it may concern. I sincerely apologize in advance if it is so.) 

Sunday, 28 August 2016

कर्म तेरे अच्छे तो किस्मत तेरी दासी,
दिल तेरा सच्चा तो घर में मथुरा काशी ।
#truckQuotes

Monday, 22 August 2016

From Baby to Bhabhi

Hello Peeps. I am back, this time from Namma Bengaluru!


Where was I? 

After a sabbatical of 6 months, I am here to ink my thoughts on your screen! During the past 6 months my life has taken a major drift, from my roka and wedding and subsequently moving to Bangalore. In short, transforming from "Baby to Bhabhi".

Why this post?

Well, this single post shall not be enough to describe the entire story of my being Happily Ever After!

You may call it a warm-up note to break the ice between me and my blogger account. You may also assume that I am puking my undigested thoughts after a break. Please bear with me this time :)

Where am I?

Bengaluru- the Silicon City as they say, is quite different from MY Indore. This place taught me a lot, may it be buying vegetables, surviving the bumper-to-bumper traffic, the entrancing Kannada, Telugu, Tamil, Oriya, Malyalam, aka the vivacious South Indian culture; their cryptic languages (with due respect); the palatable food and what not. I am lovin it!

Guess what? Bengaluru does not have cows (got to see only 3 cows on roads in the past 3+ months), stray dogs here only prefer non-vegetarian meals.

Moreover, I could barely see any old person here! Seriously, everyone here is young, none with salt-and-pepper-beard, only young folks everywhere. Ghosshhh! Don't people turn old here? The vast IT brigade has occupied the town.

About me-

I turned into a responsible young lady (sort of!) from a chirpy perky girly! Amusingly, I spend hours finding best deals on Dettol, Harpic, Vim bar, mop, non-stick cookware, moong dal, sugar, multi-grain aata, pillow covers, Patanjali Ghee, lemon and cauliflower on Amazon and Big Basket. This is a big twist in my life that came from marriage. And you must spare me a much deserved pat on my back for handling my maid who is Kannada from heart, soul and TONGUE!

What next?

In the last half year my life took a 360 degree turn by transforming me into the proud individual that I am now. Watch this space to know more of my myriad experiences.

(Disclaimer: This post does not intend to harm, defame, or hurt the sentiments of any person, gender, religion, political party, news channel, religious belief, god or to whomsoever it may concern. I sincerely apologize in advance if it is so.)