**Unlike my other write-ups, this poetry is a different version of my literary skills that includes some Indori terminologies which have become a part of our day-to-day communication.
ये एक नम्बर कविता मेरे दोस्तोन को समर्पित है, जो मुझे इसे लिखने के लिए उत्साहित कर रिये थे. अब इसका मतलब लगा लो अपने हिसाब से.
जो अपनापान इंदोर के अपन में हे वो कहीं ओर के हम में कहाँ,
जो भाईचारा इंदोर के भिया में हे वो कहीं ओर के भैया में कहाँ,
जो सुर इंदोर में सेंव (from the windpipe) केने में हे वो कहीं ओर के नमकीन में कहाँ,
जो गूंज इंदोर के चंकट में हे वो कहीं ओर के चाटे में कहाँ,
एँ, जो शान इंदोरी भाषा में हे वो ओर कहाँ,
जो गुरुत्वाकर्षण इंदोर के ढोलने में हे वो कहीं ओर के गिरने में कहाँ,
जो सच्चाई इंदोर कि बत्ती में हे वो कहीं ओर के झूठ में कहाँ,
जो सुकून इंदोर कि चिल्ला-चोट में हे वो कहीं ओर के चिल्लाने में कहाँ,
जो मज़ा इंदोर के जमावड़े में हे वो कहीं ओर के मिलन समारोह में कहाँ,
एँ, जो शान इंदोरी भाषा में हे वो ओर कहाँ,
जो शालीनता इंदोर के ऐ बारिक में हे वो कहीं ओर के excuse
me में कहाँ,
जो बड़प्पन इंदोर में ओर बड़े कहलाने में हे वो कहीं ओर के Hey friend में कहाँ,
एँ, जो शान इंदोरी भाषा में हे वो ओर कहाँ,
ओर तो ओर, जो अपने इंदोर में हे साब वो कहीं ओर नी हे.
Shandar hai bhiya ek number sorry ben :)
ReplyDeleteThank you Rajeev :)
ReplyDeleteSahi.. good :)
ReplyDeleteThanks Pooja :)
ReplyDeleteek no likhi bidu
ReplyDeleteThank you Shailendra :)
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